मुख्यमंत्री का ओएसडी बन कर राम मंदिर निर्माण के लिये मांगता था पैसे
दिलशाद अहमद कौशांबी
पुलिस ने एक अंतरराज्यीय साइबर ठग को गिऱफ्तार किया हैं। ठगी करने वाला शख्स अपने को यूपी के मुख्यमंत्री का ओसीडी बता कर राम मंदिर निर्माण के नाम पर अधिकारियों से ठगी करता था। उसने अभी तक छोटे- बड़े अधिकारियों को मिलाकर लाखो का चूना लगा चुका हैं। साइबर अपराध करने के लिये शातिर टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल और सीआईडी देखता था। कौशांबी के दो अधिकारियों को चुना लगता इसके पहले ही अपराधी पुलिस के हत्थे चढ़ गया।
VO– पुलिस अधीक्षक अभिनन्दन ने प्रेस कांफ्रेन्स कर
बताया कि सहायक आयुक्त स्टाम्प और आबकारी अधिकारी राजेन्द्र प्रसाद की शिकायत पर मुकदमा दर्ज कर साइबर अपराधी को गिरफ्तार करने के लिये एसओजी और साइबर सेल की सयुक्त टीम को लगाया गया था। पुलिस टीम की काफ़ी मशक्कत के बाद पंकज सिंह उर्फ अरविंद कुमार मिश्रा का नाम प्रकाश में आया। जो कि अमेठी का रहने वाला था। पंकज को गिरफ्तर करने के लिये टीम ने कई राज्यो में छापा मारा, लेकिन अचानक उसका मोबाइल लोकेशन मंझनपुर थाना क्षेत्र के कादीपुर गाँव के पास मिला तो पुलिस ने घेराबंदी कर आरोपी को गिरफ्तर कर लिया। पूछताछ में उसने बताया कि मुख्यमंत्री का ओएसडी बन कर अभी तक उसने 30-40 अधिकारियों को ठग चुका हैं। इसकी योजना उसने टीवी सीरियल क्राइम पेट्रोल और सीआईडी देख कर बनाई थी। इस काम को अंजाम देने के लिये उसने तीन साल लगातार लखनऊ सचिवालय के सामने चाय की दुकान लगा कर, अंदर की सारी जानकारी ली। फिर फोन कर अधिकारियों से मुख्यमंत्री का ओएसडी बन कर 7 से 10 हज़ार तक मांगने लगा। इसी क्रम में कौशाम्बी के भी अधिकारियों से पैसे की मांग की गई थी। लेकिन वो पुलिस के हत्थे चढ़ गया।