देखते ही देखते तबाह हो गया गांव! उत्तरकाशी में बादल फटा, दर्जनों की जान गई


🔥 उत्तराखंड में बादल फटने की भयावह आपदा: धराली गांव का बर्बादी अथक

ताज़ा स्थिति

5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी जिले के गंगोत्री मार्ग स्थित धराली गांव में अचानक अधिक वर्षा से बादल फटना (cloudburst) हुआ, जिससे खीर गाड़ नदी में बाढ़ आई। torrents of पानी और मलबे ने पूरा कस्बा तहस‑नहस कर दिया। कम से कम 4 लोगों की मौत, लगभग 100 लोग लापता, और दर्जनों घर तथा होटल ढह गए हैं  ।

🌊 तबाही का मंजर

पानी, कीचड़ और भारी पत्थर का सैलाब निकलकर धराली सहित सुखी टॉप इलाके में फैला, जिससे अनेक घर, होटल और सड़कें बह गईं  ।

स्थानीय लोगों ने बताया कि अचानक आया मलबा गाँव के कई हिस्सों को 15 मीटर तक की गहराई से ढंक गया, जिसमें मल्टी‑स्टोरी इमारतें भी तमाम हो गईं  ।

प्रशासन ने बताया कि गाँव का संपर्क बाहरी दुनिया से कट चुका है, कई पुल और सड़कें क्षतिग्रस्त हैं  ।


🚨 राहत एवं बचाव कार्य

SDRF, NDRF, राज्य सरकार, पुलिस, सेना सहित कुल 150 जवान मौके पर जुटे हैं, राहत कार्य युद्ध स्तर पर जारी है  ।

भारतीय सेना की Ibex ब्रिगेड ने भी हर्सिल क्षेत्र से अभियानों को निर्देशित किया है, उन्होंने लगभग 20 लोगों को सुरक्षित बचाया  ।

कुछ प्रभावितों को हवाई मार्ग से निकाला गया है, जिनमें घायल लोगों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।


🗣️ सरकारी और राजनैतिक प्रतिक्रिया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह घटना “बहुत दुखद” है, और रलाइफ और रेस्क्यू टीम्स अभियान पर लगी हुई हैं। वे स्थिति की लगातार निगरानी कर रहे हैं  ।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रभावितों के प्रति संवेदना प्रकट की और आश्वासन दिया कि “कोई कसर नहीं छोड़ेंगे”  ।

आईएमडी ने भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है और अगले दिनों भी सतर्क रहने की चेतावनी दी है  ।


🧭 समयरेखा (संक्षेप में)

दिनांक घटना

5 अगस्त 2025 (प्रातः) धराली गांव में अचानक बादल फटने से flash flood हुई
मध्यक्ष समय में मलबा आया, नदी उफान पर, प्रभावित इलाकों में पानी और कीचड़ ने सब कुछ बहाया
दोपहर एवं शाम SDRF/NDRF, सेना, प्रशासन राहत‑बचाव कार्य में जुटे; 20 से अधिक लोग बचाए गए
रात तक लगभग 100 लोग लापता; चौबीसों घंटे सक्रिय बचाव अभियान जारी


📌 वेबसाइट के लिए प्रकाशन हेतु सुझाव:

शीर्षक: “उत्तराखंड धराली में बादल फटने से तबाही: 4 मौतें, 100 लापता, राहत‑बचाव जारी”

लीड पैराग्राफ़ में मुख्य आंकड़े (मौत, लापता, प्रभावित इलाकों) शामिल करें।

मुख्य भाग में:

घटना का विस्तृत विवरण,

प्रभावित इलाकों और निगरानी वार्ता,

बचाव और राहत कार्यों का सक्रिय वर्णन,

उद्धरण और प्रशासनिक बयान।


अंत में निष्कर्ष में जलवायु परिवर्तन, हिल स्टेशनों की संवेदनशीलता और भविष्य में सुरक्षा व पूर्वीक्षण योजनाओं की आवश्यकता पर जोर दें।

विज़ुअल्स में:

घटनास्थल की तस्वीरें (जैसे कि ऊपर वाली carousel),

बचाव दल के कार्यों की झलक,

प्रभावित घरों व मलबामय दृश्य,

प्रशासन योगियों की टीम, अलर्ट मेप।




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