सरकार कीआवास योजना में अधिकारियों की लूट, गरीबों को आवास नहीं, आरोप

सरकार कीआवास योजना में अधिकारियों की लूट, गरीबों को आवास नहीं, आरोप

प्रतापगढ़। विकास खण्ड लक्ष्मणपुर में खण्ड विकास अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी के मनमाने पन एवं खाऊ कमाऊ नीति से गरीबों एवं पात्रों को आवास नहीं मिल पा रहा है जबकि धनी एवं अपात्र लोग कमीशन के बल पर आवास प्राप्त करने में सफल हो रहे हैं । इस विकास खंड में किसी गाँव में एक परिवार के तीन- तीन लोगों को आवास देने का कार्य किया जा रहा है तो किसी परिवार के एक भी व्यक्ति को आवास नहीं दिया जा रहा है। खंड विकास अधिकारी अंजू वर्मा अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन न करके केवल खाऊ कमाऊ नीति का पालन कर रही है। उनका शासन की नीति से कुछ लेना देना नहीं है। मामला ग्राम पंचायत सराय आना देव का है। यहाँ के कई ग्रामीणों ने आरोप लगाया है की ग्राम विकास अधिकारी अमित विक्रम सिंह एवं खंड विकास अधिकारी अंजू वर्मा उन्हीं लोगों को आवास दे रहे हैं जिनके पास पहले से ही पक्के मकान उपलब्ध हैं और धनी भी हैं।ये अधिकारी कमीशन खोरी के चक्कर में गरीबों एवं पात्रों को ना तो आवास दे रहे हैं न ही उन्हें शौचालय प्रदान कर रहे हैं।ये ग्रामीण बार-बार ब्लॉक कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं जबकि कमीशन देने वाले घर बैठे आवास और शौचालय प्राप्त कर रहे हैं।ऐसे में योगी सरकार भ्रष्टाचार मिटाने का दावा भले करे मगर विकासखंड लक्ष्मणपुर में यह दावा खोखला ही साबित हो रहा है।
इस संबंध में जब खंड विकास अधिकारी अंजू वर्मा एवं ग्राम विकास अधिकारी अमित विक्रम सिंह से जानकारी ली गई तो उन लोगों का कहना है के कि कुछ लोगों का नाम छूट गया है। उन्हें भविष्य में आवास की सुविधा दी जाएगी। फिलहाल इस तरह की लूट खसोट से शासन की नीतियों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।यहाँ अधिकारियों की चांँदी कट रही है।राजनीतिक रसूख से इस विकास खण्ड में काफी समय से खंड विकास अधिकारी की कुर्सी पर विराजमान अंजू वर्मा महोदया लोगों के साथ अपने दुर्व्यवहार के कारण भी आम लोगों की चर्चा की विषय हैं। वह नारी एवं सरकारी कार्य में बाधा डालने की हनक दिखाकर लोगों के विरुद्ध मुकदमा करने की धमकी देती रहती हैं। किसी गाँव पात्र – अपात्र की जाँच करना उनकी फितरत में नहीं है। बस उनका कमाऊ ग्राम विकास अधिकारी माँ लक्ष्मी की कृपा से उन्हें बता भर दे। हलांकि विकासखन्ड क्षेत्र के दर्जन भर से ज्यादा ऐसे गांव हैं जहां पात्रता सूची का हवाला देकर जरुरतमन्द लोगों को आवास नही दिया गया है जबकि बहुत से अपात्र व्यक्ति ऐसे हैं जिन्हे सरकारी योजना का लाभ बेधड़क होकर दे दिया गया है । यदि मामले मे स्पष्ट रुप से हो जांच तो आइने की ‌तरह साफ हो सकता है मामला ।

Post a Comment

Previous Post Next Post

Ads