यश तथा कीर्ति व समृद्धि में नैतिकता का मिश्रण है सच्चा पुण्य - फल - अरविंद जी महराज

यश तथा कीर्ति व समृद्धि में नैतिकता का मिश्रण है सच्चा पुण्य – फल – अरविंद जी महराज

कार्यालय संवाददाता

सगरासुन्दरपुर, प्रतापगढ़ जीवन मे यश तथा कीर्ति व समृद्धि मे नैतिकता का मिश्रण ही सच्चा पुण्य-फल हुआ करता है। सामाजिक संरचना मे मनुष्य को हर वस्तु को आवश्यकतानुसार आपस मे बांटकर उपभोग करना चाहिये। मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम के जन्म-उत्सव मे अयोध्या का वैभव समानता के फल की खुशी का प्रतीक बनकर हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। उक्त उद्गार सगरा सुंदरपुर बाजार मे बाबा नर्वदेश्वर धाम मे आयोजित श्रीराम कथा में कथाव्यास अरविंद जी महराज ने व्यक्त किये। अरविंद जी महराज ने अयोध्या मे भगवान् श्रीराम के अवतरण की मार्मिक कथा से श्रद्धालुओं को रसाभोग कराते हुए कहा कि भगवान् श्रीराम का जन्म संसार मे प्रत्येक प्राणी के जीवन की मंगलकामना की पूर्ति का शाश्वत संदेश बन गया है। उन्होनें बताया कि मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम ने राजसत्ता का मोह त्यागकर प्रजा के कल्याण के लिए स्वयं के जीवन मे कठिनाइयों व दुःख धारण का वरण किया। श्रीराम का संपूर्ण जीवन चरित्र मानव जीवन के लिए सुचिता का आत्मबोध कराने वाला महनीय ग्रन्थ आज भी समाज के विविध आयामों को मजबूती दे रहा है। कथा के बीच भक्तों ने श्रीराम संकीर्तन मे भी आस्था की डुबकी लगाई। राम जन्म पर कथा स्थली पर महिला श्रद्धालुओं का नृत्य भी आध्यात्मिक समां को बांधे दिखा। कथा के संयोजक पं. उदयराज तिवारी व समाजसेवी संजय शुक्ल ने कथाव्यास का श्रीअभिषेक किया। वहीं कथा सुमंगल आरती में सीडब्लूसी मेंबर प्रमोद तिवारी के मीडिया प्रभारी ज्ञानप्रकाश शुक्ल, अधिवक्ता रमेश पाण्डेय, कृष्णदेव शुक्ल, आचार्य उमाशंकर मिश्र, सुरेश मिश्र मदन, चंद्रशेखर तिवारी, राजीव तिवारी, रामजी जायसवाल, अनिल त्रिपाठी महेश, राजेन्द्र मिश्र, वरूण तिवारी, रमेश तिवारी, श्यामजी जायसवाल, पप्पू मिश्र, मुन्ना मिश्र आदि रहे।

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