रामनाम के स्मरण से मनुष्य का होता है मंगल ही मंगल - अरविन्द दी महाराज

रामनाम के स्मरण से मनुष्य का होता है मंगल ही मंगल – अरविन्द दी महाराज

कार्यालय संवाददाता

लक्ष्मणपुर, प्रतापगढ़। मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम की आराधना मनुष्य के लोकमंगल को सदैव मजबूत बनाए रखती है। श्रीराम ने भक्तों को सदैव उत्साह व उत्सव मे नीति के पथ पर अग्रसर रहने का संदेश दिया है। उक्त उदगार सगरासुन्दरपुर के नर्वदेश्नरनाथ धाम पर हो रहे रामकथा मे कथावाचक अरविन्द जी महराज ने व्यक्त कियेे। कथावाचक अरविन्द जी महाराज ने कहा कि श्रीराम जीवन के समस्त पाप को हरते हुए मनुष्य का अन्त भी सुफल बनाया करते है। उन्होने कहा कि जो श्रीराम की भक्ति मे रम गया उसका समस्त लोक मंगल ही मंगल हुआ करता है। कथा‌के विश्राम दिवस पर कथा वाचक ने मर्यादा पुरुषोत्तम के सम्पूर्ण कृत का विस्तार पूर्वक कथा सुनाते हुए माता कौशिल्या, कैकेई, सुमित्रा के साथ ही भाई भरत के प्रेम, लक्ष्मण के त्याग तथा शत्रुध्न के भाई के प्रतिपार श्रद्धा के बारे मे उपस्थित श्रोताओं को सुनाया । कथा का संयोजन समाजसेवी संजय शुक्ल आयोजक उदयराज तिवारी उमेश तिवारी अनूप त्रिपाठी, प्रदीप तिवारी, अभिनंदन सिंह किल्लू, कुलदीप तिवारी, राजेश मिश्र रज्जन, शिवम तिवारी, बाबा सोमेन्द्र गिरि, अजय तिवारी, आदर्श मिश्र, देवेन्द्र शुक्ल, चंचल तिवारी ,राम यश तिवारी ,अक्षय तिवारी ,दीपक शुक्ल, मिन्कू तिवारी, विपिन पाण्डेय, अशोक तिवारी सहित कथा मे श्रीराम नाम के जाप और भजन संकीर्तन पर श्रद्धालु भाव – विभोर दिखे।

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