🕌 मराठी में अजान पर नितीश राणे के बयान से मचा सियासी घमासान, ओवैसी का करारा पलटवार

🕌 मराठी में अजान पर नितीश राणे के बयान से बवाल, ओवैसी का करारा पलटवार

मुंबई | UP9 News ब्यूरो
भाजपा विधायक नितीश राणा द्वारा "मराठी में अजान" को लेकर दिए गए विवादित बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है। इस बयान पर AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि "भाजपा की नफ़रत की राजनीति अब भाषा तक पहुंच गई है। ये लोग हर चीज़ में बंटवारा चाहते हैं – धर्म, जाति और अब ज़ुबान भी!"

🔥 क्या कहा नितीश राणा ने?

भाजपा नेता नितीश राणा ने हाल ही में बयान दिया कि "मस्जिदों में मराठी में अजान देना हिंदू भावनाओं को ठेस पहुंचाता है और यह महाराष्ट्र की संस्कृति के खिलाफ है।" उन्होंने यह भी कहा कि "धार्मिक कार्यों में स्थानीय भाषा का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।"

उनके इस बयान को कई संगठनों ने सांप्रदायिक और उकसाने वाला बताया है।

🛑 ओवैसी का पलटवार: "अब अल्लाहु अकबर भी अनुवाद करवाएंगे क्या?"

ओवैसी ने पलटवार करते हुए कहा —
"मराठी भारत की भाषा है। अगर कोई अजान मराठी में पढ़ रहा है तो इसमें गलत क्या है? नितीश राणा को अगर इतनी ही तकलीफ है तो क्या अब अल्लाहु अकबर का भी अनुवाद करवाएंगे?"

उन्होंने यह भी जोड़ा कि "ये लोग न भाषा से प्रेम करते हैं, न धर्म से। इनका मकसद बस चुनावी ध्रुवीकरण है।"

📢 सोशल मीडिया पर गरमाया मुद्दा

इस पूरे मामले ने सोशल मीडिया पर भी तूल पकड़ लिया है। ट्विटर (अब X) और फेसबुक पर लोग दोनों नेताओं के बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग इसे भाषाई विविधता का सम्मान बता रहे हैं तो कई इसे धार्मिक परंपरा के खिलाफ मान रहे हैं।

🗳️ महाराष्ट्र चुनाव नज़दीक, बयानबाज़ी तेज़

विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयानबाज़ी महाराष्ट्र में आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव और 2025 की तैयारियों से जुड़ी है। भाजपा और AIMIM दोनों ही अपने-अपने वोटबैंक को साधने की कोशिश में हैं।


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📌 निष्कर्ष:
मराठी में अजान पर विवाद ने एक बार फिर यह दिखा दिया कि भारत की भाषाई और धार्मिक विविधता को सियासत कैसे बार-बार निशाना बनाती है। आने वाले दिनों में यह मुद्दा और भी गरम हो सकता है।

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