ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने लगाई अधिकारियों की क्लास, कहा – "बिजली विभाग कोई बनिया की दुकान नहीं!"
📅 प्रकाशित तिथि: 24 जुलाई 2025
✍️ रिपोर्ट: UP9 News ब्यूरो, लखनऊ
लखनऊ – उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने बुधवार को लखनऊ स्थित शक्ति भवन में बिजली विभाग के अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। उन्होंने अधिकारियों की लापरवाही, झूठी रिपोर्टिंग और उपभोक्ताओं की समस्याओं को नजरअंदाज करने पर तीखा हमला बोला।
बैठक के दौरान मंत्री ने कहा, "बिजली विभाग कोई बनिए की दुकान नहीं है, यह एक जनसेवा का माध्यम है। अगर हम लोगों की समस्याओं को नजरअंदाज करेंगे, तो जनता हमें गालियां दे रही है, और हम बस ‘सब ठीक है’ की रिपोर्ट भेज रहे हैं।”
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🔴 बिजली आपूर्ति की स्थिति पर नाराज़गी
मंत्री एके शर्मा ने मीटिंग के दौरान कहा कि गांवों और कस्बों में ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं, बिजली लगातार कट रही है, लेकिन ज़मीन से फील्ड रिपोर्ट की बजाय सिर्फ ‘ऑन पेपर’ सब कुछ ठीक बताया जा रहा है।
> “विधायक कॉल करते हैं, जनता गालियाँ देती है और अधिकारी कहते हैं – ‘सब ठीक है’... ये कहाँ की ईमानदारी है?”
– एके शर्मा, ऊर्जा मंत्री
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⚡ गलत बिलिंग, फर्जी एफआईआर पर भी बरसे मंत्री
ऊर्जा मंत्री ने उपभोक्ताओं के खिलाफ गलत एफआईआर, गलत बिलिंग और फर्जी आंकड़ों पर भी नाराज़गी जताई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बिना जाँच के किसी गरीब पर केस करना पूरी तरह अमानवीय और गैरकानूनी है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अब से कोई भी मौखिक आदेश नहीं चलेगा – हर आदेश लिखित होगा और उसका रिकॉर्ड रखा जाएगा। आदेश न मानने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई।
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🗣️ "हम जय श्रीराम बोलते हैं और बोलते रहेंगे" – वायरल वीडियो से सुर्खियों में
बैठक के दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें मंत्री एके शर्मा अधिकारियों से कहते दिखे –
“जनता कहती है बिजली नहीं आती, हम कहते हैं – जय श्रीराम।”
इस पर हॉल में मौजूद लोग सन्न रह गए, लेकिन मंत्री ने तुरंत जोड़ा –
“ये हकीकत है, हम जिम्मेदारी नहीं लेंगे तो जनता नाखुश रहेगी। सुधार कीजिए वरना कार्रवाई तय है।”
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📉 तकनीकी गड़बड़ियों और लापरवाही पर कार्रवाई शुरू
ऊर्जा मंत्री की चेतावनी के बाद कई जिलों में बिजली विभाग के अफसरों की जवाबदेही तय की जा रही है।
सुल्तानपुर जिले के कादीपुर में तैनात एक तकनीशियन को निलंबित कर दिया गया है, जो एक फर्जी रिपोर्ट मामले में दोषी पाया गया था।
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📌 निष्कर्ष:
ऊर्जा मंत्री एके शर्मा का यह कदम राज्य में बिजली विभाग की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता, जवाबदेही और जनहित की दिशा में एक बड़ा संदेश है। आने वाले दिनों में इस सख्ती का असर जमीनी स्तर पर देखने को मिल सकता है।
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