मऊआइमा सपा बसपा के गढ़ में कैसे खिलेगा कमल, मोहम्मद आलम हो सकते हैं बीजेपी उम्मीदवार.
क्या बदलेगा चुनावी समीकरण

प्रयागराज मऊआइमा नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए मोहम्मद आलम का नाम बड़ी ही तेजी से उभर कर सामने आ रहा है.

मोहम्मद आलम भारतीय जनता पार्टी के सिंबल पर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ सकते हैं.
उत्तर प्रदेश में नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान किसी छड़ हो सकता है। प्रयागराज की सबसे पुरानी नगर पंचायत मऊआइमा में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है।
सूत्रों की माने तो सपा बसपा का गढ़ कहे जाने वाले मऊआइमा में भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर चुकी है,
मौजूदा समय में फातिमा अंजुम नगर पंचायत अध्यक्ष है, दो बार लगातार फातिमा अंजुम के पति शोएब अंसारी अध्यक्ष रहे, शोएब अंसारी सपा के टिकट पर चुनाव लड़ते हैं और जितने भी है. महिला सीट होने की वजह से 2017 नगर निकाय चुनाव में सपा के टिकट पर शोएब अंसारी की पत्नी फातिमा अंजुम ने रिकॉर्ड तोड़ मतों से जीत हासिल की थी।
मऊआइमा में अध्यक्ष पद के दावेदारों की बात करें तो अयूब अंसारी नौशाद राईन निमिष खत्री मुजाहिद लालटेन राहुल ठाकुर के नामों की चर्चा जोरों पर है।
मऊआइमा मुस्लिम बहुल क्षेत्र है मुस्लिमों में भी अंसारी मतदाता सबसे अधिक है, अगर कहे अंसारी मतदाता ही जीत हार का फैसला करते हैं तो गलत नहीं होगा।
अंसारी मतदाताओं का झुकाव शोएब अंसारी की तरफ अधिक रहता है।
जानकारी के मुताबिक बीते कुछ महीनों से AIMIM बीएसपी और भाजपा के कार्यकर्ताओं द्वारा लगातार बैठक की जा रही थी, लेकिन शोएब अंसारी को टक्कर देने के लिए कोई भी दमदार प्रत्याशी का नाम निकलकर सामने नहीं आ रहा था बीजेपी से नौशाद राईन का नाम सामने आया फिर निमिष खत्री बिलाल अहमद फिर राहुल ठाकुर का भी नाम सामने निकल कर आया. लेकिन किसी के नाम पर सहमति नहीं बन सकी
इन दिनों मोहम्मद आलम की चर्चा जोरों पर चल रही है. जानकारी के मुताबिक कोई भी प्रत्याशी शोएब अंसारी को चुनौती देने के लिए तैयार नहीं हुआ. तो मोहम्मद आलम को सामने आना पड़ा. मोहम्मद आलम ब्लाक प्रमुख का चुनाव लड़ चुके हैं. मोहम्मद आलम सर्व समाज में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं.
जबसे आलम के नाम की चर्चा हुई है तब से चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई है.
मऊआइमा जैसे मुस्लिम बहुल क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम उम्मीदवार के तौर पर मोहम्मद आलम को अपना प्रत्याशी बनाती है तो कुछ भी हो सकता है। चुनावी समीकरण बदल सकते हैं।
सपा और भाजपा के उम्मीदवारों में कांटे की टक्कर देखने को मिल सकती है।
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