फर्जी मुकदमे में धन उगाही करने वाले गैंग के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश इलाहाबाद हाई कोर्ट का बड़ा फैसला

जनपद में मऊआइमा थाना बना नंबर वन 36 मुकदमे में जांच के आदेश इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिए CBI जांच के आदेश।
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने निर्दोष लोगों को रेप और एससी एसटी एक्ट के फर्जी मुकदमों में फंसा कर वसूली करने वाले जिले में सक्रिय गैंग का पता लगाने के लिए सीबीआई जांच के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने सीबीआई के वरिष्ठ अधिवक्ता को निर्देश दिया कि सीबीआई इस मामले में 20 अक्टूबर तक प्रारंभिक जांच कर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
इस बीच इन मामलों से जुड़े किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं करने का निर्देश भी दिया है। गैंग के बारे में खुलासा तब हुआ जब एक मुकदमे में हाईकोर्ट के एक अधिवक्ता के खिलाफ दर्ज मुकदमे का शीघ्र निस्तारण का आदेश देने के लिए शिकायतकर्ता की ओर से अर्जी दाखिल की गई। अभियुक्त बनाए गए अधिवक्ता ने कोर्ट के समक्ष असलियत बयां की तो कोर्ट ने शिकायतकर्ता को तलब किया।
कोर्ट को बताया गया कि प्रयागराज में एक शातिर गैंग काम कर रहा है जिसमें महिलाओं के जरिए निर्दोष लोगों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराते हैं और फिर मुकदमा वापस लेने के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है।
अधिवक्ता भूपेंद्र कुमार पाण्डेय ने कोर्ट के समक्ष ऐसे 50 मुकदमों की लिस्ट पेश की। इनमें से 36 मुकदमे मऊआइमा थाने में दर्ज है!
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि सीबीआई बंद लिफाफे में 2 माह के भीतर प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पेश करें

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