शहजाद खान प्रयागराज
पंचायत चुनाव में सीटों पर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होते ही मऊआइमा ब्लाक के अंतर्गत आने वाले ग्राम सभाओं के दावेदारों ने संभाला मैदान, चौराहों व ग्राम सभाओं में जमकर प्रचार प्रसार में जुटे दावेदार
पंचायत चुनाव में सीटों पर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होते ही दावेदारों ने मैदान संभाल लिया है। रातोंरात तैयारी पूरी कर मतदाताओं को साधने का कार्य अलग-अलग क्षेत्र में शुरू हो चला है। चुनाव प्रचार के सभी साधनों का प्रयोग किया जा रहा है। इन सब के बीच गांवों और चौराहों की चौपाल अब ज्यादा रोचक हो चली है पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण सूची प्रकाशित होने का इंतजार कर रहे विभिन्न पदों के दावेदारों की बांछें उस समय खिल गई थीं जब बुधवार सुबह आरक्षण की सूची सामने आ गई। आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होने के बाद दावेदारों ने मोर्चा संभालने में देर नहीं लगाई। रातोंरात तैयारियों को अमली जामा पहनाने के साथ ही दावेदार व उनके परिवारीजन मैदान में उतर गए।जिला पंचायत सदस्य पद तथा ग्राम प्रधान पद के दावेदार मुख्य रूप से इसमें आगे आए। बुधवार शाम शुभचिंतकों व परिवारीजनों से विचार-विमर्श के बाद तमाम दावेदार बृहस्पतिवार को बाकायदा चुनाव प्रचार में उतर पड़े। इनमें कई दावेदार ऐसे थे जो बृहस्पतिवार पूर्वाह्न व दोपहर तक ही जनसंपर्क के लिए निकल पड़े तो वहीं जिला पंचायत सदस्य व प्रधान पद के ऐसे भी तमाम दावेदार रहे जिन्होंने बृहस्पतिवार देर शाम तक मोर्चा संभाल लिया। घर-घर पहुंचकर पहले तो खुद के या फिर परिवार के किसी सदस्य के दावेदार होने की जानकारी दी गई जिन पदों के लिए महिला प्रत्याशी दावेदार हैं, उन सीटों पर महिला दावेदार स्वयं तो अभी तक चुनाव प्रचार के लिए आम तौर पर नहीं निकलीं दिखीं लेकिन उनके परिवारीजन बाकायदा संपर्क करते दिखाई दिए। मतदाताओं को साधने के लिए किसी जोड़तोड़ की बजाए फिलहाल सीधे संपर्क को प्राथमिकता दी जा रही है।
इन दावेदारों में से कई जगहों पर ऐसे दावेदार हैं जिनका चुनाव लड़ना तय था लेकिन ऐसे नए दावेदारों की भी कमी नहीं है जो सीटों पर आरक्षण की स्थिति के बाद अचानक से मैदान में उतर आए हैं। कोशिश सबकी यही है कि फिलहाल सीधा संपर्क कर संवाद स्थापित किया जाए यूं तो बीते दिनों पंचायत चुनाव की आहट के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में चुनावी चर्चाओं ने गति पकड़ रखी थी लेकिन सीटों के आरक्षण का क्रम घोषित होने के बाद अब गांव-गांव की चौपालें और भी ज्यादा रोचक हो चली हैं। गांव के बाहरी छोर पर स्थित चौराहों चाय की दुकानों आदि पर बुधवार देर शाम से ही नए व मौजूदा समीकरणों पर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं इनमें से कई पदों पर चुनाव लड़ने के लिए लालायित दावेदारों की उम्मीदों पर आरक्षण के चलते वज्रपात होने को लेकर चटखारे लिए जा रहे हैं। ऐसे दावेदार अब क्या कर रहे हैं, इसे लेकर चौपालों में खूब चर्चाएं हो रही हैं। इसके साथ ही प्रधान व जिला पंचायत सदस्य बीडीसी को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में चौपालों में समीकरणों की चर्चाएं भी प्रमुखता से की जा रही हैं। नतीजा यह है कि ऐसी चौपालें अब गांव में देर तक चलने लगी हैं।