हनुमान का आदर्श चरित्र मानव के लिये प्रेरणादायक है – करुणेश जी महाराज
इन्द्रमणि त्रिपाठी ( नीरज ) संवाददाता
सगरासुन्दरपुर, प्रतापगढ़,।लक्ष्मणपुर विकास खण्ड के लीलापुर पूरे संसारा मे चल रही हनुमत कथा के प्रथम दिवस की कथा मे कथा व्यास आचार्य करुणेश जी महाराज ने कहा कि शारीरिक जीवन मे जो स्थित पवन की होती है वही स्थित रामकथा मे पवनसुत हनुमान जी की है ।योगदर्शन एवं आयुर्वेद के अनुसार मनुष्य के शरीर मे पंचप्राण ( प्राण, अपान, समान, व्यान तथा उदान ) होते है ।इन पंचप्राणो मे जब विकृति आ जाती है तब व्यक्ति अस्वस्थ हो जाता है यहां तक कि इन्ही विकृतियो से उसकी मृत्यु भी हो जाती है ।जैसे शरीर के पंचप्राणो की रक्षा पवन करता है उसी प्रकार मानस के पंचप्राणो ( सुग्रीव, वानर सेना, सीता जी, लक्ष्मण जी एवं भरत जी ) की रक्षा पवन सुत करते है और हनुमान जी का जीवन एक आदर्श प्रस्तुत कर्ता जिससे मानव को प्रेरणा लेनी चाहिये और उस आदर्श मार्ग पर चल कर अपने जीवन को सार्थक बना लेना चाहिये । इस कार्यक्रम का आयोजन शनिदेव धाम के भक्तो द्वारा किया जा रहा है जिसमे विनोद सिंह , सुबेदार मिश्र, जगदीश विश्वकर्मा , प्रभाकर सिंह , ओम प्रकाश सिंह , राजू विश्वकर्मा आदि भक्त गण उपस्थित रहे ।