आस्था मे अंलकृत है भगवान शिव की महिमा - आचार्य करूणेश

आस्था मे अंलकृत है भगवान शिव की महिमा – आचार्य करूणेश

शेष नारायण यादव ( अजय )

लक्ष्मणपुर, प्रतापगढ़। लीलापुर क्षेत्र के महादेवन धाम कोहरचका देवली मे शारदीय नवरात्रि के पावन पर्व पर आयोजित रामकथा के तीसरे दिन शिव विवाह सम्पन्न हुआ। आध्यात्मिक उत्सव मे कथाव्यास आचार्य करूणेश ने श्रद्धालुओं को बताया कि श्रद्धा ही पार्वती है और शिव विश्वास है। उन्होने कहा कि जब तक श्रद्धा और विश्वास का मिलन नही होता तब तारकासुर रुपी अन्ध श्रद्धा , कुर्तक का नाश नही होता। आचार्य ने बताया कि शिवजी विवाह करके दुनिया को यह संदेश दे रहे है कि विवाह करना गलत नही है। विवाह मै भी करता हूं, पर विवाह काम को सीमित करने के लिये होना चाहिये न की काम की अधिकता के लिए। विवाह के अवसर पर शिव के श्रंगार का तात्विक विश्लेषण करते हुये कथा व्यास आचार्य करुणेश महराज ने बताया कि संसार के प्राणी इत्र, साबुन, तेल, पावडर का प्रयोग करते है और शिव जी चिता की भस्म लगाते है। उन्होने बताया कि चिता की भस्म लगाकर शिवजी संसार को यह संदेश देते है कि इस शरीर को कितना भी चमका लो व महका लो अन्त मे इसे राखी ही बनना है। कथा के आयोजक ग्राम प्रधान देवली मनोज सिंह, बीडीसी जय सिंह, काशी सिंह, राममनोहर पाण्डेय, सुग्गा शुक्ल, राजू विश्वकर्मा, छेदीलाल विश्वकर्मा, ओम प्रकाश दूबे, मनोज रावत आदि रहे।

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