मेरे दिल के दरवाजे पर जब वह दस्तक देती है…

मेरे दिल के दरवाजे पर जब वह दस्तक देती है…

नव वर्ष पर कवियॉ ने बहाई कविता की रसधार

सगरासुंदरपुर, प्रतापगढ़। नव वर्ष पर स्थानीय बाजार मे समाजसेवी संजय शुक्ल के जन्मदिवस के अवसर पर एक कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसमें एक से बढ़कर एक कविता का पाठ किया गया कार्यक्रम की शुरुआत धर्माचार्य विदेहा नंद जी महराज के दीप प्रज्ज्वलन व राधेश पांडेय की वाणी वन्दना से हुई उसके बाद ओज के कवि यज्ञ कुमार सिंघम ने अपनी कविता मुझको भागीदार समझ चाहे बागी यार समझ, किन्तु देश मे लगी आग मे तेल, तेल की धार समझ से मंच को ऊचाईया दीअमेठी कि अर्चना ओजस्वी ने दहेज बन्द करने का आह्वान करते हुए अपनी मार्मिक रचना बापू अखियां मां असुवा न लावा करा ,चाहे मन्गिया भरे न बजे बजवा से लोगो को भाव विभोर कर दिया श्याम तिवारी ने युवाओ पर निशाना साधते हुए अपनी रचना मेरे दिल के दरवाजे पर दस्तक जब वह देती ,श्याम बांसुरी बजने लगती दोनो दिल जब मिल जाए तो लोगों ने हथेलियों से नवाजा लवलेश यदुवंशी ने नव वर्ष पर अपनी कविता मधुर बोली सुना कर बोल दो नव वर्ष मुबारक हो, जरा सा मुस्करा कर बोल दो नव वर्ष मुबारक हो दे लोगो को संदेश दिया इसके अलावा अंजनी अमोघ ,अनूप प्रतापगढी ,पवन प्रखर, प्रकाश पांडेय आकाश, राजेश प्रतापगढी, सुरेश नारायण व्योम, अंजनी तिवारी शेष अंकित तिवारी ,आचार्य अनिल मिश्र ,विपिन बेदर्दी , प्रशांत भरुहिया , परवाना प्रतापगढी, ने काव्य पाठ किया अतिथि के रूप मे अनिल प्रताप त्रिपाठी, प्रेम कुमार त्रिपाठी प्रेम, संगम लाल त्रिपाठी भंवर, सतेन्द्र मृदुल, ईजी चन्द्रकान्त त्रिपाठी, प्रदीप शुक्ल रहे ।इसके पूर्व कवियों और पत्रकारों को सम्मान पत्र और माल्यार्पण कर सम्मानित किया गया ।अध्यक्षता विदेहानंद जी महराज ने किया स्वागत हरिवंश शुक्ल ने संचालन एव्ं आभार प्रदर्शन संजोयक त्रिपाठी ने जताया ।इस मौके पर रमेश पांडेय ,लक्ष्मीकान्त मिश्र, सन्तोष शुक्ल बादशाह, अनिल पांडेय स्वतंत्र ,अनुराग शुक्ल पत्रकार उमेश तिवारी, चन्द्र शेखर तिवारी , सुरेश मिश्र मदन, अजय पांडेय, राकेश तिवारी, विकास पांडेय, जाकिर अली, अरविंद दुबे, शुभम श्रीवास्तव आदि मौजूद रहे ।

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