जनक दरबार व लक्ष्मण परशुराम संवाद पर भावविभोर हुये दर्शक, रामलीला का हुआ भावपूर्ण मंचन
रामलीला के चौथे दिन भी कलाकारो को दर्शकों का मिला अपार स्नेह, श्रीराम चन्द्र के जयकारे से गूंजा पान्डाल
प्रतापगढ़। मांधाता क्षेत्र के बरहुआ भोजपुर मे हो रहे रामलीला मे जनक दरबार तथा लक्ष्मण परशुराम संवाद आदि का मंचन देख दर्शक भावविभोर हो उठे । स्वर संगम रामलीला समिति के संयोजन मे आयोजित रामलीला के मंचन का शुभारंभ प्रबंध समिति के डा.रामसिंह, डा.श्याम सिंह, भारतलाल कनौजिया, शिव प्रसाद विश्वकर्मा आदि के द्वारा भगवान विष्णु के आरती के पश्चात किया गया। कलाकारों द्वारा धनुष यज्ञ का प्रसंग अत्यन्त मनोहारी मंचन मे दिखा । रामलीला के आयोजन मे कोविड-19 से बचाव एवं सुरक्षा के प्रति जागरूकता का संदेश भी दिया गया। कलाकारों ने जनक दरवार मे सभी राजाओं का आगमन, बाणासुर-रावण संबाद, सभी राजाओं द्वारा धनुष भंग करने का प्रयास, जनक द्वारा अफसोस करना, लक्ष्मण-जनक संबाद, धनुष भंग, परशुराम का समाधि भंग, परशुराम का जनक दरबार मे प्रवेश, लक्ष्मण – परशुराम संवाद, दशरथ दरबार मे दूत का आगमन, बारात प्रस्थान, जनक द्वारा स्वागत करना, राम-सीता,लक्ष्मण-उर्मिला, भरत-मांडवी, शत्रुघ्न-श्रुत्कीर्ति का विवाह व विदाई होना, अयोध्या में नववधुओं का प्रवेश तथा स्वागत, कौशल्या आदि के द्वारा आरती उतारना दृश्यों पर भी लोग मंत्रमुग्ध दिखे। कलाकारों में मुख्य रूप से दशरथ के किरदार को निभा रहे विजय तिवारी, हरकेश सिंह ने रावण, डा.श्याम सिंह ने मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम, भारतलाल कनौजिया ने लक्ष्मण, सीता के रुप मे राबेन्द्र दुबे, परशुराम के रुप मे वशिष्ठ, विश्वामित्र के अभिनय मे डा. रामसिंह, गोली सरबजीत,सनी सिंह, हास्य कलाकार के रुप मे शिव प्रसाद विश्वकर्मा, अंजेश कनौजिया, पप्पू सरोज आदि ने अपने अभिनय के माध्यम को लोगों को देर रात तक मंच से जोड़े रखा और रामलीला के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम के चरित्र से समाज एंव परिवार के प्रति उनके दायित्वों के निर्वहन करते रहने की सीख दिया ।