माहे-रमज़ान का चाँद दिखा, इस्लाम का मुकद्दस व पवित्र महीना शुरू, पहला रोज़ा आज
प्रयागराज मऊआइमा इस्लाम का सबसे मुबारक और मुकद्दस महीना रमज़ान कल चाँद दिखते ही शुरू हो गया हैं इस्लाम मे रमज़ान के महीने को बड़ी फ़ज़ीलत और बरकतों वाला माना गया हैं। इस पूरे महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोज़ा रखते हैं और रात में इंशा की नमाज़ के बाद विशेष नमाज़ (तरावीह) पढ़ते हैं पैग़म्बरे-इस्लाम हज़रत मोहम्मद (सल्ल.) के मुताबिक आपने अपने एक सहाबी (अनुयायी) हज़रत सलमान रज़ि. से इर्शाद फरमाया की तुम्हारे लिए एक महीना आ रहा हैं जो बड़ी बरकतों वाला हैं अल्लाह ने इस महीने के रोज़े को तुम्हारे लिए फ़र्ज़ किया है और इसके क़याम यानी तरावीह को सुन्नत (सवाब की चीज़ ) करार दिया हैं इस महीने में जन्नत (स्वर्ग) को रोज़ाना मुज़्ययन (सजाया) किया जाता हैं और जन्नत (स्वर्ग) के दरवाजे खोल दिए जाते हैं और दोज़ख़ (नरक) के दरवाज़े बंद कर दिए जाते हैं और शयातीन (शैतान) को कैद कर लिया जाता हैं इस महीने मोमिन का रिज़्क़ बड़ा दिया जाता हैं ये महीना लोगो के साथ गमख़्वारी करने का हैं एवं सब्र का हैं और सब्र का बदला जन्नत हैं इस महीने में नेकियों का भाव बढ़ा दिया जाता हैं एक फ़र्ज़ का सवाब 70 फ़र्ज़ों के बराबर कर दिया जाता हैं और नफिल का सवाब एक फ़र्ज़ के बराबर मिलता हैं इस महीने में क़ुरआन अल्लाह ने लौहे-महफूज़ से उतारकर दुनिया मे नाज़िल किया था इस मुकद्दस और पवित्र महीने का आज पहला रोज़ा हैं कल चाँद दिखते ही मुस्लिम समाज के लोग एक दूसरे को माहे-रमज़ान की मुबारकबाद दे रहे थे लेकिन कोरोना जैसी महामारी को देखते हुए मुस्लिम समाज के लोग अपने अज़ीज़ व अकारीब अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को ऑडियो-कॉल और वीडियो कॉलिंग के ज़रिए रमज़ान के आमद की मुबारकबाद पेश कर रहे थे। कल इंशा की नमाज़ के बाद विशेष नमाज़ (तरावीह) लोगो ने अपने घरों में अदा की, पिछले साल भी पूरे रमज़ान मुस्लिम समाज के लोगो ने घर मे ही क़ुरआन की तिलावत, ज़िक्र, नमाज़ और तरावीह अपने घरों में ही अदा की थी यहाँ तक कि ईद की नमाज़ भी अपने-अपने घरों में अदा की गई थी। उम्मीद करते हैं अल्लाह इस रमज़ान की बरकत से और क़ुरआन की तिलावत एवं दुआओं की बरकत से कोरोना जैसी महामारी को अल्लाह इस दुनिया से खत्म कर दे।