वसीयत मे असली – नकली का खेल, न्याय के लिए दर – दर भटक रहे दम्पत्ति
वसीयत मे अमल दरामद करने के नाम पर लेखपाल ने पीड़ित से मांगा रिश्वत, आडियो वायरल
प्रतापगढ़ Arvind Dubey
एक तरफ जहां सरकार की मंशा है कि प्रदेश मे कोई भी परेशान न रहे उसे कोर्ट, कचेहरी व थाना पुलिस के साथ – साथ जिम्मेदारों के चक्कर न लगाने पड़े और उनके आवश्यक जरुरी कार्य आसानी से सम्पन्न हो जाया करें, इस दिशा मे सरकार कार्य कर रही है किन्तु वहीं पर प्रतापगढ़ के मान्धाता ब्लाक क्षेत्र के ग्राम सभा बरहुआ भोजपुर के रामदत्त के पुरवा की उमा सिंह ने समाधान दिवस मे दिए गए शिकायती पत्र मे आरोप लगाते हुए बताया है कि उनकी शादी फतेहपुर जनपद के नारायनपुर गांव मे हुई है ।पीड़िता ने बताया कि उनके कोई और भाई बहन नही हैं पिता राज बहादुर सिंह का कई वर्ष पूर्व देहावसान हो गया था ।मां की तबियत अक्सर खराब रहने के चलते हम लोग उन्हे अपने साथ फतेहपुर लेकर चले गए थे जहां पर उनका इलाज चल रहा था किन्तु आरोप है कि इस बीच मायके से उनके चाचा विश्वनाथ सिंह व चन्द्रभान सिंह आदि ने हल्का के लेखपाल राजकुमार पटेल से मिल कर फर्जी तौर पर वसीयत करवाकर उनके सम्पत्ति को हड़पने का कूट रचित प्रयास किया ।आरोप है कि मामले की जानाकारी होने पर पीड़िता ने जनपद के आलाधिकारियों के चौखट पर फरियाद करने लगी बावजूद इसके कानून के रखवाले उसकी मदद करने व मामले मे स्पष्ट जांच करने के बजाय हीलाहवाली करते नजर आ रहे हैं।
पीड़िता उमा सिंह ने बताया कि जिस तरीख को जनपद के तहसील मे उनके चाचा आदि के द्वारा फर्जी तौर पर वसीयतनामा तैयार किया गया है उस समय उनकी मां का फतेहपुर के एक निजी अस्पताल मे इलाज चल रहा था और उस समय वह फतेहपुर मे थीं । आरोप तो यहां तक है कि मायके पक्ष के लोगों द्वारा जिस वसीयतनामा मे उनके मां का आधार कार्ड लगाया गया है वह भी फर्जी है।अब ऐसे मे सवाल यह उठता है कि पीड़ित द्वारा मामले मे साक्ष्य देने व मामले मे क्षेत्रीय लेखपाल द्वारा पीड़िता के पति से फोन पर उसे उसके ही मालिकाना जमीन का हक देने के लिए किया जा रहा है पैसे की मांग, जिसका आडियो क्लिप विगत कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और लेखपाल के काली करतूत की चहुओंर निंदा व चर्चा हो रही है, बावजूद इसके जिम्मेदारों की अभी तक कुम्भकर्णी नींद नही खुल रही है और आज भी पीड़िता अपने पति के साथ – साथ न्याय के आस मे दर – दर की ठोकरें खा रही है और सम्बंधित जिम्मेदारों से मामले मे निष्पक्ष जांच कर उचित कार्यवाही की मांग करते हुए खुद के मालिकाना हक को दिलाए जाने की मांग कर रही है । पीड़िता द्वारा दिए गए जानकारी के मुताबिक पीड़िता की मां इन्द्रवती ने मौत से पहले तीस जनवरी वर्ष 2020 मे स्वेच्छा से अपने चल एंव अचल सम्पत्ति की वसीयत उमा सिंह को कर दिया था ।आरोप है कि लेखपाल द्वारा उनकी मां के मौत के बाद वसीयतनामा का दावा पेश करने के बाद भी उन्हे जमीन का नही मिल सका मालिकाना हक । आरोप है कि लेखपाल के सह पर पीड़िता के मायके पक्ष के पट्टीदारों द्वारा फर्जी तरीके से करा लिया गया वसीयत जबकि वसीयत के समय पीड़िता की मां का फतेहपुर के एक अस्पताल मे चल रहा था इलाज और वह उस दिन प्रतापगढ़ मे नही थी। हलांकि मामला जो भी सोशल मीडिया पर लेखपाल द्वारा पीड़ित को उसका मालिकाना हक दिए जाने के सन्दर्भ मे जिस तरीके से पैसे की मांग की बात सामने आ रहा है उससे मामला संदिग्ध होने के साथ – साथ जनपद के सिस्टम पर भी सवालिया निशान जरुर उठता है । अब यह तो जांच के बाद ही साफ हो पाएगा कि आखिरकार रिश्वतखोरी का काला सच क्या है, फिलहाल एक बात तो तय है कि आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं दो चंद लोगों के बदौलत न्याय के आस मे दर दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं । हलांकि मामले मे सम्बन्धित लेखपाल से फोन पर बात करने का कई बार प्रयास किया गया किन्तु फोन नही उठा ।