चौथे दिन की कथा में प्रभु के वामन अवतार का वर्णन करते - पं. शेषधर मिश्र अनुरागी महाराज

चौथे दिन की कथा में प्रभु के वामन अवतार का वर्णन करते – पं. शेषधर मिश्र अनुरागी महाराज

प्रतापगढ़ । नींवी खुर्द गारापुर प्रयागराज में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। बुद्धवार को चौथे दिन कथावाचक पं. शेषधर मिश्र अनुरागी जी महाराज ने प्रभु के वामन अवतार के वृतांत का विस्तारपूर्वक वर्णन किया। भक्तों ने श्री कृष्ण जन्मोत्सव को बड़ी धूमधाम से मनाया। भागवत कथा के चौथे दिन की शुरुआत भागवत आरती और विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। कथावाचक ने कहा कि कथा श्रवण करना परम सौभाग्य है जो लोग भक्ति करने जाएंगे तो उसकी परीक्षाएं तो होंगी। श्रीमद् भागवत महापुराण को श्रवण करने से हमारे जन्म जन्मांतर के दुःख समाप्त हो जाते हैं, पाप और दुख में बहुत अंतर है। श्रीमद् भागवत कथा चतुर्थ दिवस के प्रसंग का वृतांत सुनाते हुए बताया कि वामन अवतार भगवान विष्णु के दशावतारों में पांचवा अवतार और मानव रूप में अवतार था जिसमें भगवान विष्णु ने एक वामन के रूप में इंद्र की रक्षा के लिए धरती पर अवतार लिया। यह आयोजन नीरज तिवारी, श्रीकांत त्रिपाठी एवं राधाकांत त्रिपाठी द्वारा किया जा रहा है। कथा पंडाल में यजमान मे लक्ष्मीकांत त्रिपाठी एवं श्रीमती कुशलता देवी सहित दूर – दराज से आए से सैकडों गणमान्य अतिथियों सहित भक्तगणों ने अपनी गरिमामयी उपस्थिती दर्ज करवाई ।

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