सिलिस्ती करुरिया को अचीवर ऑफ इयर अवार्ड
राज्य ब्यूरो प्रमुख। सिलिस्ती करुरिया को उनकी नॉवेल चमड़े का लुटेरा के लिए और देश में लेखन से समाज की बुराईयो को दूर करने की साहसी यात्रा पर उनको अचीवर ऑफ ईयर 2020-2021 अवार्ड मिला। चमड़े का लुटेरा नॉवेल जो समाज के जमीनी स्तर के मुद्दों को दर्शाती है।सिलिस्ती करूरिया जो चमड़े का लुटेरा नॉवेल की लेखिका है।सिलिस्ती बनस्थली विद्यापीठ राजस्थान से बायोसाइंस में पीएचडी कर रही है। सिलिस्ती करुरिया राजस्थान के अजमेर शहर की रहने वाली है। सिलिस्ती करुरिया को चमड़े का लुटेरा उपन्यास को लेकर बहुत सारे अवार्ड से सम्मानित किया गया।चमड़े का लुटेरा उपन्यास को टॉप 100 डेब्यू नॉवेल के रूप में पूरे देश में प्रशंसा मिली।सिलिस्ती ने बहुत गहराई से सामाजिक पहलु को समझा और अपने लेखन से समाज की बुराईयो को दूर करने का प्रयत्न किया है।सिलिस्ती की लिखी स्टोरी ”बेबसी” पर वेब सीरीज फिल्म बन रही है। सिलिस्ती ने बहुत छोटी उम्र में अपनी लेखनी से समाज में बदलाव करने का साहस रखा है।
सिलिस्ती बायोसाइंस की एक मेधावी छात्रा है और समाज के जमीनी मुद्दों को बहुत बेखुबी से समझती है।कहते हैं कि कल्पना की कोई सीमा नहीं होती है और सिलिस्ती भी काल्पनिक दुनिया और लेखनी का एक मिशाल है। एक प्यार,एक विश्वास और एक धोखा सब कुछ बदल देता है।ये पंक्ति है सिलिस्ती करूरिया की पहली किताब ‘चमड़े का लुटेरा’ की।प्रेम, विश्वास, और धोखे की एक अलग सी कहानी लिखते हुए सिलिस्ती समाज के जमीनी मुद्दों को बताती है।यह उपन्यास प्रेम कहानी पर आधारित है।यह उपन्यास लेखिका द्वारा लिखा गया पहला उपन्यास है,इसी के चलते सिलिस्ती ने अपना नारीधर्म निभाया और एक नारीप्रधान उपन्यास लेकर प्रस्तुत हुई। सिलिस्ती का कहना है की जब वो छोटी थी तब उनके दिल और दिमाग में कहानियाँ घूमती रहती थी, पर उन्होंने अपने काल्पनिक सोच को पन्नो में लिख कर पुरे देश में नाम कमा रही है। जब उनकी काल्पनिक कहानी बेबसी वेब सीरीज के रूप में बड़े पर्दे पर आ रही है।