भगवान भक्तों के प्रेम के भूखे होते हैं - आचार्य योगेश जी महाराज

भगवान भक्तों के प्रेम के भूखे होते हैं – आचार्य योगेश जी महाराज

कथा मे क्षेत्रीय विधायक व पूर्व सांसद ने भी पहुंचकर कथा का श्रवण कर लिया आशीर्वाद

लक्ष्मणपुर, प्रतापगढ़। क्षेत्र के डांडी पूरे झलिहन मे चल रही भागवत कथा के चौथे दिन भागवत भूषण आचार्य योगेश जी महाराज द्वारा रामावतार और कृष्णावतार सहित नंद महोत्सव का सार गर्भित वर्णन करते हुए कहा की भगवान राम का जन्म अयोध्या मे हुआ अयोध्या किसे कहते हैं ।अयोध्या उसे कहते जहाँ पर आपसी मन मुटाव न हो, छ्ल – कपट ,चोरी, बेइमानी, किसी की किसी से बैर न हो, आपसी भाई चारा कायम रहे, ऐसी जगह को अयोध्या कहा जाता है । राम ने सारे जगत के मानव कल्याण के लिए इस पृथ्वी पर जन्म लिया, कथा को आगे बढ़ाते हुए कथावाचक ने कृष्णावतार के वर्णन मे बताया कि भगवान तभी इस जगत मे अवतार लेते है जब – जब धर्म की हानि होती है, जब पापियो की संख्या बढ़ गई तब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा मे प्रकट हुए लेकिन मथुरा का ऐश्वर्य उन्हें नही भाया क्योंकि मथुरा एक ऐश्वर्य नगरी थी उन्हें ऐश्वर्य नही बल्कि दुनिया मे प्रेम का लोगो को रसपान कराना था इस लिए‌वह इस नगरी मे न रह कर गोकुल मे वास करने चले गए क्योंकि गोकुल प्रेम नगरी थी ।भगवान प्रेम के भूखे होतें है न कि ऐश्वर्य की, इस लिए मानव को ऐश्वर्य की चीजो को त्याग कर प्रेम रूपी अमृत का पान करना चाहिए । कृष्ण जन्म के बाद नंद महोत्सव का आयोजन किया गया जिसमे भगवान श्री कृष्ण की झांकी निकाली गईऔर महिलाओ मंगल गीत बधाईया बाजे नन्द दुवरिया…और बधाईया बाजे आँगना मे…जैसे पारम्परिक गीत से पूरा पंडाल गुंजाय मान रहा ।इस मौके पर पटाखे दागे गए और बच्चों को खिलौने बाटें गए ।कथा मे पूर्व सांसद राज कुमारी रत्ना सिंह , विश्वनाथगंज विधायक डा.आर. के. वर्मा भी पहुचकर कथा को श्रवण किया और महाराज जी से आशीर्वाद लिया। मुख्य यजमान चन्द्रभाल पांडेय व गीता देवी ने अतिथियों का स्वागत किया । इस मौके पर बृजेन्द्रमणि त्रिपाठी, शिवमूर्ति त्रिपाठी, श्याम शंकर पांडेय, राम कुमार मिश्र , कृष्ण देव शुक्ल, संजय शुक्ल, देवेश तिवारी, चंचल शुक्ल, सदाशिव वर्मा सहित सैकडों भक्त मौजूद रहे ज्न्होने सरकार के‌दिशा निर्देश एंव स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा निर्देशों के‌ तहत‌ कथा का श्रवण किया ।

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