ग्राम सभा फूलपुर रामा मे विकास कार्यों के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल
ग्रामीणों ने लगाए आरोप, जन सुनवाई पोर्टल पर शिकायत
प्रतापगढ़ ।विकासखंड बिहार बाघराय कुंडा प्रतापगढ़ के ग्राम सभा फूलपुर रामा के दनिय पुर में विकास कार्य के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल हुआ है। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि मौजूदा ग्राम प्रधान आवास के नाम पर कई ग्रामीणों से पैसा ले लिया और आज तक आवाश भी नहीं मिला। वहीं कुछ ग्रामीणों ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में चयनित होने के बाद भी प्रधान द्वारा धोखाधड़ी करके उनके नाम की धनराशि किसी और को आवंटित कर दी गई। वहीं पर ग्रामीणों ने प्रधान पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि स्वच्छता मिशन के तहत सूची में गांव के 50 से जायद लोगों के नाम की राशि बैंक से निकाली गई और गांव में कुछ लोगों को छोड़कर किसी को शौचालय का पैसा जरूरतमंदों को नहीं मिला। वही गांव के ही राकेश कुमार सरोज ने बताया कि गांव में आरसीसी इंटरलॉकिंग और नाली निर्माण का काम कागज पर दिखा कर धनराशि निकाल की गई और कोई भी विकास कार्य आज तक नहीं हुआ ।न्यूज़ कवरेज करने के दौरान तकरीबन 200 से ढाई सौ लोग मौके पर मौजूद थे और सभी ग्राम प्रधान के कार्यों को लेकर प्रधान के ऊपर भ्रष्टाचार का बड़ा आरोप लगा रहे थे। जबकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करने का निर्देश उत्तर प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को देते हैं और उनके ही अधिकारी भ्रष्टाचार में डूबे हैं ।विकासखंड बिहार में यह भ्रष्टाचार का पहला मामला नहीं है यहां पर कई ऐसी ग्राम सभाएं हैं जहां पर लोगों ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठायी पर जांच के नाम पर आज तक मामला जस का तस बना रहा। हलांकि इस मामले को लेकर मुख्य विकास अधिकारी से बात की गई तो उन्होने बताया कि ऐसा कोई मामला हमारे संज्ञान में नहीं आया अगर भ्रष्टाचार हुआ है तो ग्रामीण शपथ पत्र के साथ जिलाधिकारी प्रतापगढ को शिकायत पत्र दे जिस पर जांच समिति बनाकर जांच कराई जाएगी। इसी मामले में जब ग्रामीणों से बात की गई तो ग्राम दनियापुर के ग्रामीणों ने कहा कि मामले की शिकायत मुख्यमंत्री के पोर्टल पर दर्ज कराई गई आज तक कोई भी कार्यवाही नहीं हुई ।यहां तक की ग्रामीणों ने बताया कि ऑनलाइन शिकायत के बाद ग्राम पंचायत अधिकारी जांच करके रिपोर्ट लगा दिए है की पात्रों को आवास और शौचालय दिया गया है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि कैमरे पर बोलने वाली महिलाऐ कहती है कि हमें आवास मिला नहीं हमारे नाम का आवास दूसरे को दे दिया गया है और ग्राम पंचायत अधिकारी अपनी रिपोर्ट में दर्शाते हैं कि पात्र को आवास दिया गया। इस मामले को लेकर गांव के ही एक व्यक्ति ने ग्राम पंचायत मंत्री द्वारा लगाई गई रिपोर्ट की फोटो कॉपी दिखाते हुए आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत मंत्री जांच करके मनमाने ढंग से रिपोर्ट लगा दिया है। जिससे साफ जाहिर होता है आवास के नाम पर भ्रष्टाचार का बड़ा खेल खेला गया है ।लाभार्थी को पैसा न मिलकर किसी और को दे दिया गया है। ग्रामीणों ने शौचालय की भी एक सूची निकाली है जिसमें ग्रामीणों ने बताया कि सूची में चंद लोगों को छोड़कर किसी को भी शौचालय का पैसा नहीं मिला। अंधेर नगरी चौपट राजा वाली कुछ कहानी यहां भी उभर कर आ रही है अब देखना है ग्रामीणों को न्याय मिलता है या नहीं वही गांव के ही एक ग्रामीण दबी जुबान वा नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि लगभग 53 लोगों के शौचालय का पैसा निकाल लिया गया है और लाभार्थी को ₹1 नहीं मिला है।